Tuesday 31 May 2011

जिस देश कि ८० फ़ीसद जनता को सही ढंग से भोजन उपलब्ध ना हो..................


जिस देश कि ८० फ़ीसद जनता को सही ढंग से भोजन उपलब्ध ना हो, आज़ादी के ६३ साल बाद भी देश कि बड़ी आबादी एक वक्त कि रोटी खाकर अपना जीवन गुजारता हो! बहुसंख्यक आबादी संक्रामक बीमारी से ग्रसित हो और रहने के लिए घर और सोने के लिए बिस्तर ना हो, उस देश का जनप्रतिनिधि २२० लाख रुपये कि कुर्सी पर बैठता है और सोने कि थाली में खाता है!
ऐसा तो राजाओं के राज में भी ना देखा ना सुना! राजा लोग ऐसा करने से डरते थे – विद्रोह की संभावना और बदनामी की आशंका के कारण!
अब तो दुनिया कहती है ‘प्रजा का राज है’, ‘प्रजातंत्र है’!!!???
जियो रेड्डी जी! आपकी काबीलियत कबीले तारीफ है – आपने साबित कर दिया, आपके शहंशाही अंदाज़ के सामने लोकतंत्र कि क्या बिसात
ऐसा इसी कलयुगी कमज़ोर जनता के समाज में संभव है!

1 comment:

  1. pappu yadav sahab ji maine aapka blog dekha bahut achachha laga. lekin ek baat hai maine abhi tak jitne logo ke barew me dekha ya suna hai unki kathani aur kartni me koi mel nahi hota hai. saMAJ ME KAHI SAMWEDNA MILE TO HAME JARUR BATAYENGE . I PARSONALLY KNOW TO YOU . SAMASTIPUR KUNDAN BHAIYA KE MADHAYAM SE. sAMASTIPUR

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