सियासत
मि. ओबामा का कॉल आया,
फुद्नी झटपट फोन उठाया |
हेल्लो मिस्टर! कहो क्या
हाल है – शताब्दी वर्ष में कैसा बिहार है ?
सुनते हैं काफी विकास हुए
हैं – भ्रष्टाचारी पूर्णत: नाश हुए है ?
भाई जान! सब प्रचार का खेला
है – कागज़ी घोड़े का मस्त मेला है |
हाँ, बिहार बेहिसाब बदला है
– माय से महादलित तक चला है |
आज भी शौहर पंजाब जा रहे
हैं - मनरेगा का पैसा बिचौलिए खा रहे हैं |
नो मिस्टर, यहाँ प्रामाणिक
सत्यापन है
भईया, सब बकवास, केवल
विज्ञापन है |
मजदूर के वेतन में नियोजित
हैं शिक्षक,
पहले बहाली उसके बाद
प्रशिक्षण |
परीक्षा के पूर्व उपलब्ध है
प्रश्न,
पैसेवालों की मौज-मस्ती-जश्न
|
अंत्योदय पर कुछ विशेष सुनाओ,
बिहारी प्रयोग का रहस्य बताओ !
रहस्य नहीं सब-कुछ साफ़ है
बेटा हरियाणा, घर में बाप
है |
खून – पसीने से पेट पर विजय
है –
सिर्फ आंकड़ों में ही
अंत्योदय है |
बाढ़ की कैसी दिशा – दशा है
पुनर्वास हुए – कुछ अता-पता है |
बाढ़ सरकारी योजना का हिस्सा
है –
नेता-ठीकेदार गठजोड़ का
किस्सा है |
भला निदान से पत्नियां रूठ जावेगी
–
किलो भर गहना कहाँ से
लावेगी ?
समस्या को समस्या बनाये
रखना
सफेदपोशों का वार्षिक धर्म
है –
जिल्लत की जिंदगी जीती
जनता,
व्यवस्था – बेहया-बेशर्म है
|
तुम भी लूटो, हम भी लूटें,
मिल जुलकर खेलें खेल –
अधिकारी हों मालामाल – एक-आध
को जाने दो जेल |
साक्षरता दर तो बहुत बढ़ा है,
बिहार इसमें इतिहास गढा है ?
भईया! इतिहास हमारी विरासत
है,
बिहार चंद्रगुप्त की रियासत
है |
किसान त्रस्त हैं – गाँव-गाँव
में
गर्व से कहो – “यही सियासत
है |”
बेहतरीन...
ReplyDeleteबहुत सही फ़रमाया आपने!
ReplyDeleteApki lekhni ke kya kahne... Karara tamacha hai Bihar ki badhali par. Pata nahi kab Bihar me suryoday hoga!
ReplyDeleteबिहार के विकास की रथ चलती सी प्रतीत हो रही थी लेकिन अब तो नज़ारा ही बदल गया; रथ तो उलटी दिशा में जा रही है|
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