Tuesday 7 June 2011

अपने भविष्य के प्रति चिंतित कुछ राजनीतिक पार्टी


अपने भविष्य के प्रति चिंतित कुछ राजनीतिक पार्टी, जिन्हें देश के आम आदमी के लिए कोई मुद्दा नहीं मिलता, उन्हें गरीबी, भूख, अशिक्षा, स्वास्थ्य जैसी गलत व्यवस्था के खिलाफ लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं होती| यदि किसी सामाजिक सवाल को लेकर संघर्ष करने कि जरुरत महसूस करते भी हैं तो सिर्फ जनता को खुश करने के लिए| जनता के नुमाइंदे को यह क्यों नहीं दिखता की स्वयम्भू भगवान, सन्यासी, बाबा लोग गलत तरीके से जनता को बरगला कर करोड़ों, अरबों रूपया देश का गबन कर रहे हैं| इनलोगों के काले धन की जांच हो| इनलोगों के प्रत्येक कुकर्म, करतूत कि जांच हो| ये बाबा लोग गुटखा, पराग, सिगरेट, तुलसी, शराब आदि जो नौजवानों को, प्रत्येक घर-परिवार को ही नाश कर देती है, इनके खिलाफ जंग क्यों नहीं लड़ते? जाति जैसा ज़हर जो समाज को कभी खुशहाल नहीं होने देगा, इसके खिलाफ क्यों नहीं लड़ते? ये बाबा लोग दहेज के खिलाफ क्यों नहीं लड़ते? ना जाने इस दहेज के कारण कितनी बेटियाँ, कितनी माँ अपना जीवन खो चुकी हैं| इस दहेज जैसे अभिशाप और बेटी/बहन के जिम्मेदारी के एहसास के कारण अपना सब कुछ बेचना पड़ता है| पूरा परिवार ही समाप्त हो जाता है, फिर इसके खिलाफ जंग क्यों नहीं?

भ्रष्टाचार आज सही मायने में बड़ा सवाल है, पर लड़ेगा कौन? शराब पीने वाला व्यक्ति शराब ना पीने पर उपदेश दे, ऐसा संभव है क्या?क्या यह सच नहीं है कि हमाम में सब नंगे हैं? मुझे आश्चर्य होता है नेता लोगों पर जो भ्रष्ट, चरित्रहीन बाबा, नकली भगवान लोगों को महामंडित करते हैं| उनके सहारे अपनी नेतागिरी चमकाना चाहते हैं| अपने पुरुषार्थ पर इन नेताओं को भरोसा नहीं है क्या?

No comments:

Post a Comment