Thursday 16 June 2011

सरकार-माफिया गठजोड़ के कारण एक बार फिर बलि चढ़ते एक सच्चे समाजसेवी


नागमानंद जी के मामले में जो उत्तराखंड की संवेदनहीन सरकार दवाबवस अंतत: सी.बी.आई. को केस सौंपी है| यह देश के आर्थिक माफियाओं के लिए एक सबक है| मेरा पत्रकार बंधू से आग्रह है की देर से ही सही परन्तु आपने सरकार और खनन माफिया के गठजोड़ को और एक अतिमानवीय मूल्य के रक्षा के लिए जिसे देश के आवाम से छिपाने की भरपूर कोशिश की, उसे आपके नेक प्रयास ने न्याय के मुकाम तक का रास्ता खोला है| कृपया इस अतिसंवेदनशील मामले को अंतिम न्याय दिलाने तक आप एक सजग प्रहरी की तरह खड़े रहें, ऐसा आवाम का विश्वास है; ताकि भविष्य में कोई सरकार और माफिया के गठजोड़ के कारण इस तरह के अमानवीय घटना की पुर्नावृति होने से रोका जा सके|

आवाम की उम्मीद जगी है, ऐसे जघन्य अपराध करने वाले माफिया गठजोड़ ताकत का जांच कर न्यायलय के द्वारा त्वरित करवाई करते हुये, छः माह के अंदर कठोर दंड दिया जाये, ताकि भविष्य में किसी सच्चे समाजसेवी की मौत न हो| नागमनंद की मौत एक सबक है, भले लोगों के लिए नहीं, एक अच्छे समाजसेवी के लिए| आप समाजसेवियों की जिम्मेवारी बनती है कि उचित न्याय के लिए आवाम के बीच जाकर माहौल तैयार करें|

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